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शिव चालीसा (Shiva Chalisa)


शिव चालीसा का जाप करने का सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 5 बजे के बीच है, स्नान करने के बाद और पूर्व की ओर मुख करके शिव चालीसा का पाठ करे। शिव चालीसा में भगवान शिव का स्तुतिगान किया गया है । शिव चालीसा किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन शास्त्रों के हिसाब से सोमवार का दिन भगवान शिव जी को समर्पित किया गया है। इसलिए सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करना बहुत फलदायी होता है। लोग शांति, अच्छे स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि की कामना के लिए शिव चालीसा का जाप करते हैं।

पाठ करने का श्रेष्ठ दिन – मंगलवार या शनिवार
(Best Day to chant – Tuesday or Saturday)

समय – सुबह, 4-5 बजे के बीच
(TimingMorning, between 4-5 am)


भगवान शिव मंत्र
ओम नमः शिवाय
Om Namah Shivaya



श्री शिव चालीसा – Shiv Chalisa



॥ दोहा ॥


श्री गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥



चौपाई


जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई ।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरे सुरासुर भये विहाला ॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनंत अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥

मातु पिता भ्राता सब कोई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु अब संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदाहीं ।
जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
नारद शारद शीश नवावैं ॥

नमो नमो जय नमो शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पार होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा ।
तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्तवास शिवपुर में पावे ॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥


कहे अयोध्या आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥



दोहा


नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥


मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥


॥ इति शिव चालीसा ॥








शिव चालीसा के पाठ की सरल विधि

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें, साथ ही साफ कपड़े पहनें।
  • अपना मुँह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठें।
  • पूजन के लिए सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप, दीप, और पीले फूलों की माला रखें।
  • अगर संभव हो तो सफेद आक के 11 फूल और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
  • पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रखें।
  • भक्ति भाव से शिव चालीसा को तीन या पांच बार पढ़ें।
  • पाठ करने के बाद, लोटे का जल घर में छिड़क दें
  • थोड़ा सा जल स्वयं भी पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं
  • बाकि प्रसाद बच्चों और अन्य लोगो में बाट दें.।

शिव चालीसा पूजा का महत्व


भगवान शिव की पूजा करने से कई अच्छी चीजें मिलती हैं। यह दुःख, मौत का भय, भ्रांति, बीमारी, अपराध की भावना को कम करने में मदद करती है, और बुरे कार्यों को दूर करती है। शिव मंत्र का जाप सभी के लिए अच्छा होता है। यह विशेष प्रार्थना चिंताओं, भयों, तनाव, और गर्व को कम करने में मदद करती है। यह आपको अपने धर्म से गहरा जोड़ने में मदद करती है। मौत के भय और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद करती है। शिव चालीसा प्रार्थना करने से सेहत और लंबी उम्र मिलती है। यह आपको बीमारी से मुक्त रखने में मदद करती है।


शिव चालीसा पूजा के लाभ

  • इस पूजन अनुष्ठान से शांति, अच्छे स्वास्थ्य, सफलता, और समृद्धि मिलती है।
  • शिव चालीसा पाठ करने से भगवान शिव जी की कृपा और आशीर्वाद मिलता हैं।
  • शिव चालीसा पूजा नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है।
  • यह आपके घर, कार्यालय, या दुकान के वातावरण की शुद्धता को बनाए रखती है।
  • यह बीमारी को दूर रखती है।
  • अविवाहित कन्याओं के लिए, यह पूजा उन्हें अच्छा पति ढूंढने में मदद करती है।
  • यह अड़चनों को पार करने में मदद करती है और आपकी संकल्प शक्ति को मजबूत करती है।
  • भगवान शिव दुख और दरिद्रता को कम करते हैं, ज्ञान और धन प्रदान करते हैं, और सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
  • यह मोक्ष या उद्धार को प्राप्त करने के लिए आपको तैयार करती है।
  • यह समस्याओं, भय, तनाव, और अहंकार से राहत प्रदान करती है।
  • यह मृत्यु और हानिकारक ग्रहों के प्रभाव कम करती है।
  • यह लंबी और स्वस्थ जीवन प्रदान करती है।
  • यह आपको साहस देती है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ाती है।

शिव चालीसा पूजा के आध्यात्मिक लाभ

  • भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए।
  • कुंडली में ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए।
  • ध्यान और आध्यात्मिक उपलब्धियों के लिए शिव पूजा सबसे शक्तिशाली प्रथा है।
  • अंतरात्मा को शुद्ध करके पापों और पिछले कर्मों को मिटाती है।
  • आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करती है।

शिव चालीसा पूजा के स्वास्थ्य लाभ

  • धर्म को गहराई से समझने के लिए।
  • प्रतिरोधक्षमता को मजबूत करती है और लंबी उम्र प्रदान करती है।
  • बीमारियों से रक्षा करती है और स्वास्थ्य को बढ़ाती है।
  • मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाती है।
  • भक्तजन बीमारी, मुसीबतें, और जोखिमों से राहत पाते हैं।
  • इस पूजा को स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए करना महत्वपूर्ण है।
  • बीमारियों से मुक्त होने के लिए।

Lord Shiva Photo

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