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श्री लक्ष्मी चालीसा (Lakshmi Chalisa)


यह माना जाता है कि शुक्रवार को माता श्री लक्ष्मी जी की सच्चे मन से उपवास के साथ पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो लोग देवी के आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, उन्हें कभी भी स्वास्थ्य, धन, सुख, और सामृद्धि की कमी नहीं होती है। लक्ष्मी चालीसा को पाँच (5), ग्यारह (11), इक्कीस (21), इक्यावन (51) और एक सौ आठ (108) बार पाठ किया जा सकता है जिसे आपका मन और घर की शुद्धि होती है। इसका पाठ करने से संपत्ति का वृद्धि और नए अवसरों लाभ मिलता है।

पाठ करने का श्रेष्ठ दिन – शुक्रवार
(Best Day to chant – Friday)
अन्य शुभ दिन – दीपावली, धनतेरस, भाई दूज, नरक चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि, और कोई भी शुभ या पवित्र नक्षत्र।
(Other aspious days – Diwali, Dhanteras, Bhai Dooj, Narak Chaturdashi, Sukla Paksh, Purnima Tithi, and any Subh or Holy Nakshtra.)



श्री लक्ष्मी चालीसा – Shri Lakshmi Chalisa



॥ दोहा ॥


मातु लक्ष्मी करि कृपा,
करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्घ करि,
परुवहु मेरी आस॥



॥ सोरठा ॥


यही मोर अरदास,
हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास,
जय जननि जगदंबिका॥



॥ चौपाई ॥


सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी।
सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा।
सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥

तुम ही हो सब घट घट वासी।
विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी।
दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी।
कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी।
सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी।
जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता।
संकट हरो हमारी माता॥4॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो।
चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी।
सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा।
रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा।
लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं।
सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी।
विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी।
कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई।
मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥

तजि छल कपट और चतुराई।
पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई।
जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥

ताको कोई कष्ट नोई।
मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि।
त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै।
ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै।
पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥

पुत्रहीन अरु संपति हीना।
अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै।
शंका दिल में कभी न लावै॥12॥

पाठ करावै दिन चालीसा।
ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै।
कमी नहीं काहू की आवै॥13॥

बारह मास करै जो पूजा।
तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही।
उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई।
लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा।
होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी।
सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं।
तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै।
संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी।
दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी।
तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में।
सब जानत हो अपने मन में॥18॥

रुप चतुर्भुज करके धारण।
कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई।
ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥



॥ दोहा ॥


त्राहि त्राहि दुख हारिणी,
हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी,
करो शत्रु को नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित,
विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर,
करहु दया की कोर॥


जय माँ लक्ष्मी








हिंदू शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी कभी भी गंदे स्थान में निवास नहीं करती। इसलिए, लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से पहले पूरे घर को साफ़ करना ज़रूरी है। गंदगी को दूर करना न केवल व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी है।


लक्ष्मी चालीसा का पाठ किन-किन को करना चाहिए?


गरीबी, बेरोजगारी, और अर्थव्यवस्था में गिरावट का सामना कर रहे व्यक्ति को नियमित रूप से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।


लक्ष्मी चालीसा के लाभ / महत्व:

  • माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और धन-समृद्धि को आकर्षित करने का सबसे अच्छा तरीका लक्ष्मी चालीसा का पाठ है।
  • आपका करियर नई ऊंचाइयों को छू सकता है, जैसे कि पदोन्नति या महत्वपूर्ण ग्राहक समझौते को सम्पन्न करना।
  • मंत्रों के ध्वनियों से उत्पन्न तरंगें आपके आसपास को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती हैं।
  • आपके कुंडली में सुख्र दशा का नाश होगा और आपके कुंडली में शुक्र ग्रह की शक्ति बढ़ जाएगी।

Maa Lakshmi Chalisa

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